Tuesday 31 March 2015

एक रैप... एक शॉर्ट प्ले के लिए

A rap written for one of my Play (Ice Paais) which was part of Short and Sweet Theatre festival, Bangalore 2015. Compositions was provided by the director of the play Sarbajeet Das.  


धुन...
(धूम पिचक धूम.…  पिचक धूम.…  धूम पिचक धूम
पिचक धूम.…  धूम पिचक धूम
पिचक धूम.…  धूम पिचक धूम...)

ये बेचारा आदत का मारा,
डेमोक्रेसी के सपने लेकर 
फिरता रहता,मारा मारा

(धूम पिचक धूम.…  पिचक धूम.…  धूम पिचक धूम
पिचक धूम.…  धूम पिचक धूम
पिचक धूम.…  धूम पिचक... धूम )

गाँव आ गया वोट डालने 
डेमोक्रेसी का बेबी पालने 
डेमोक्रेसी की रेलमपेली 
इसके साथ भी खेल ये खेली 

फिरता रहा वो सब अपनों में 
जब उसने अपनी जेब टटोली
फिर... 


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© Neeraj Pandey

Monday 9 March 2015

ये कुक्कड़

कसाइयों की दुकानों के बाहर
बास मारते दड़बे,
पीभ, थूक, खून, लार से
मवाद से हैं सने हुए
… और उनके अंदर कुक्कड़
चुपचाप अपनी जगह पकड़
कोस रहे नसीब को |

सड़क पर चलता आदमी उन्हें देख कर सोचता …

गुस्सा इन्हें भी आता होगा,
जब पंख नोचे जाते होंगे,
जब अपने खूब चिल्लाते होंगे,


जब थर थर करती गरदन पर
तेज़ छुरी चल जाती होगी ...
जब आधी गरदन लटके मारती
गहरे ड्रम में जाती होगी |

अपनी तरह क्या इनका भी
खून खोलता होगा ?
क्या, कर देते हैं क्रांति कोई
कुक्कड़ बोलता होगा ?

या फिर मौन धरकर सारे
शोक सजाते  होंगे,
और, थोड़ी जगह और मिल जाने का
जश्न मनाते  होंगे |


© Neeraj Pandey