Tuesday 1 March 2016

इंडियरी मार्च में प्रकाशित...'डियर भावना'



डियर भावना,कैसी हो? अभी भी कहीं आहत तो नहीं हो तुम? तुम्हारे बारे में सोचा तो थोड़ी चिंता हुई, सोचा मिल कर तुमसे बातकरूँ। ढूँढने की भी कोशिश की पर तुम मिली नहीं। मैं नहीं जानता तुम कैसी दिखती हो, तुम्हारी उम्र क्या है या तुम कहाँ रहती हो। मुझे कुछ भी पता नहीं। पर पिछले कुछ सालों से जब तुम्हारे बारे में सुन रहा हूँ, पढ़ रहा हूँ, देख रहा हूँ मुझे लगता है तुम एक बच्ची हो। एक ऐसी बच्ची जिसकी उम्र वक़्त के साथ और कम होती चली जा रही है। और यह भी मेरी चिंता की वजह है। इसलिए इस उम्मीद के साथ लिख रहा हूँ कि अगर कहीं तुम्हें ये चिट्ठी मिले तो मैं अपनी बात तुम तक पहुँचा सकूँगा।उदाहरण के लिए तुम महेंद्र सिंह धोनी वाली घटना को ले लो। कुछ दिनों पहले मैंने सुना, तुम धोनी की वजह से आहत हुई थी। पहली बार तो मुझे लगा कि इसमें ज़रूर ही धोनी की कोई बदमाशी रही होगी। यह सोच कर मैंने थोड़ी जाँच पड़ताल भी की, पता चला धोनी इस मामले में बिल्कुल सूफ़ी है| मैंने वो लेख पढ़ा भी और वो फोटो भी देखी, जिसको लेकर इतना बवाल हुआ था। उसमें धोनी का चेहरा फोटोशॉप कर के लगाया हुआ है, और जहाँ तक मुझे लगता है धोनी फोटोशॉप तो नहीं जानता। नहीं, नहीं मैं धोनी की तरफदारी नहीं कर रहा, अरे मैं तो क्रिकेट भी नहीं देखता| और मुझे भी तुम्हारी तरह अमीर लोगों से थोड़ी परेशानी ही रहती है।...

(पूरा लेख नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के पढ़ा जा सकता है.)
http://indiaree.com/magazines/examples/magazine.php?lang=Hindi&issue=022016&Submit=+Read+

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