आश्चर्य कैसा
जब शून्य से एक के बीच हैं
अनगिनत संख्याएँ
नींद से जागने के बीच
अनगिनत पड़ाव सपनों के
सागर तक पहुँचते हुए
जाने कितनी बार बहती है नदी
और सात सुरों के बीच भी तो
बजता है अपार संगीत
जब एक कण में छुपा हुआ है
जीवन' का रहस्य
शुरू होने से अंत तक इसके
तो बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं
मेरा तुम्हें ढूंढ लेना
हर प्रेम कहानी में
हमारे बीच
प्रेम के इतिहास का होना
कोई भी आश्चर्य नहीं
तुम्हारी याद में
मेरी आँखों से निकलती
एक गुनगुनी बूँद
उसके आँखों की है
जिसने सबसे पहले प्रेम किया था
मेरे अन्दर दौड़ती
इस लहर को,
इस सांय सांय पुरवाई को
वो भी महसूस करेगा
जिसे प्रेम आखिर में पालेगा
हम दोनों के बीच
जो भी है, कुछ चलता हुआ
बदलता हुआ
उसमें कोई भी आश्चर्य नहीं..
जब शून्य से एक के बीच हैं
अनगिनत संख्याएँ
नींद से जागने के बीच
अनगिनत पड़ाव सपनों के
सागर तक पहुँचते हुए
जाने कितनी बार बहती है नदी
और सात सुरों के बीच भी तो
बजता है अपार संगीत
जब एक कण में छुपा हुआ है
जीवन' का रहस्य
शुरू होने से अंत तक इसके
तो बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं
मेरा तुम्हें ढूंढ लेना
हर प्रेम कहानी में
हमारे बीच
प्रेम के इतिहास का होना
कोई भी आश्चर्य नहीं
तुम्हारी याद में
मेरी आँखों से निकलती
एक गुनगुनी बूँद
उसके आँखों की है
जिसने सबसे पहले प्रेम किया था
मेरे अन्दर दौड़ती
इस लहर को,
इस सांय सांय पुरवाई को
वो भी महसूस करेगा
जिसे प्रेम आखिर में पालेगा
हम दोनों के बीच
जो भी है, कुछ चलता हुआ
बदलता हुआ
उसमें कोई भी आश्चर्य नहीं..
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