Monday 1 October 2018

यही तो वजह है...

एक सुंदर दिन... जिसका नशा चढ़ना बस शुरू ही हुआ है। पिछले हफ्ते भर से नींद में भी काम कर रहा हूँ। दो काम एक साथ एक ही पड़ाव पर अपनी डेडलाइन ताक रहे हैं। दिन जल्दी शुरू हो जाते हैं और काम पूरे दिन का हर हिस्सा निचोड़ लेता है। रोज़ की तरह आज का दिन भी जल्दी शुरू हो गया था। पहला सेशन अंधेरी में चल रहा है और दूसरा बांद्रा में... आज पहला सेशन 9 से 2:30 तक चला... उसके बाद मैं ऑटो लेकर बांद्रा भागा और वहाँ 3:45 से काम शुरू किया। पहले सेशन में काफ़ी मज़ा आया था पर दूसरे सेशन को लेकर काफी तनाव भी था कि पता नहीं आज जितना तय किया है, उतना काम हो पाएगा या नहीं? आगे की कहानी क्या है? टाइम की कमिटमेंट थी जिसे लाँघना मुझे खुद से भी नाराज़गी से भर देता है।

मेरी को-राइटर और मैंने काम शुरू किया और धीरे धीरे आगे बढ़ते रहे... बीच में मेरे मन में बार बार यह खयाल आया कि ये कैसे हो पायेगा? नींद भी पूरी नहीं हुई है और आज कोई स्पेशल फीलिंग भी नहीं आ रही कि आगे की कहानी क्रैक कर लूंगा... पर काम बीच में छोड़ कर खुद को किनारे कर लेना या बाद में कर लूँगा का बहाना करने के लिए भी वक़्त नहीं था। ये तो उसी वक़्त होना था। हमनें लगातार बात करना और लिखना जारी रखा... चाय पी, खाखरा खाया और एक दूसरे की मदद करते हुए काम करते रहे... और वाह! काम 6:30 तक हो गया था। मैं उस कमरे में इस उम्मीद से तो नहीं घुसा था।

इसबात का एहसास कि 'वो सबकुछ अब पेपर पर है, जो आज होना था' बहुत खूबसूरत था। कुछ तो ऐसा था जिसकी वजह से मैं शीशे के सामने नाच रहा था... यह बात भी मेरी को-राइटर ने ही मुझे बताई 'look at your mood now! You are dancing...' हाँ मैं नाच ही तो रहा था। जवाब में मैंने भी कहा 'YES! WE DID IT!' वो भी खुश थी... अब थकान जा चुकी थी... ऐसा लग रहा था जैसे सुबह सुबह एक सुंदर नींद के बाद आँख खुली हो... फ्रेश हो गया था मैं... डेडलाइन अभी भी वहीं है... अभी भी खूब सारा लिखना है... पर कई बार बस लिख देने के सुख का एहसास भी जीवित करने वाला है। आज की रात कल की सुबह को अपनी पीठ पर लाद कर नहीं लायी है, जबकि कल का दिन भी उतना ही व्यस्त होने वाला है... पर मुझे यह पता है कि आज नींद अच्छी आएगी... शायद यही वो सुख है जिसके लिए हमसब लिखना शुरू करते हैं। यह खुद में सम्पूर्ण है। मुझे खुशी है कि इस काम ने मुझे चुना है और मैं लिख पा रहा हूँ... 

No comments:

Post a Comment