ज़िंदगी है छोटी हर पल मे खुश हूँ
हर वक़्त मे खुश हूँ,हालात मे खुश हूँ
जो मिल गया उसके साथ खुश हूँ
जो ना मिला उसकी याद मे खुश हूँ,
जाने... दिन का सूरज कब निकलेगा,
मैं अभी इस रात मे खुश हूँ.
सपने तो अपने भी टूटे...
फिर भी उस फरियाद मे खुश हूँ.
लगता था डर खोने का तुझको
पर पाकर तेरी याद मैं खुश हूँ
देख नही सकता हू तुझको
सुनकर बस आवाज़ मैं खुश हूँ.
वक़्त का भी दोष कहाँ क्या
जब मैं इस अंदाज़ मे खुश हूँ
कहते है वो ,दुनिया है यह
मैं अब इसके राज़ मे खुश हूँ,
खुद मे जीना सिख रह हूँ
तुम्हारे "दोगले" समाज मे खुश हूँ.
हर वक़्त मे खुश हूँ,हालात मे खुश हूँ
जो मिल गया उसके साथ खुश हूँ
जो ना मिला उसकी याद मे खुश हूँ,
जाने... दिन का सूरज कब निकलेगा,
मैं अभी इस रात मे खुश हूँ.
सपने तो अपने भी टूटे...
फिर भी उस फरियाद मे खुश हूँ.
लगता था डर खोने का तुझको
पर पाकर तेरी याद मैं खुश हूँ
देख नही सकता हू तुझको
सुनकर बस आवाज़ मैं खुश हूँ.
वक़्त का भी दोष कहाँ क्या
जब मैं इस अंदाज़ मे खुश हूँ
कहते है वो ,दुनिया है यह
मैं अब इसके राज़ मे खुश हूँ,
खुद मे जीना सिख रह हूँ
तुम्हारे "दोगले" समाज मे खुश हूँ.
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